बढ़ता तापमान ना ले ले आपकी मुर्गियों की जान, गर्मियों में इस तरह रखें उनका ध्यान

बढ़ता तापमान ना ले ले आपकी मुर्गियों की जान, गर्मियों में इस तरह रखें उनका ध्यान

तेजी से बढ़ता तापमान कई बार मुर्गियों के लिए जानलेवा साबित होता है। बढ़ती गर्मी मुर्गीपालकों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं होती। गर्मी के मौसम में मुर्गी पालकों के सामने ये चुनौती रहती है कि तापमान की तेजी से आखिर किस तरह से मुर्गियों को बचाया जाए। गर्मी के मौसम में लापरवाही बरतने पर मुर्गियों की मृत्यु दर बढ़ने की संभावना प्रबल हो जाती है। जिस वजह से मुर्गी पालकों को इस व्यवसाय में मुनाफे की जगह नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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यूपी समेत देश के अन्य राज्यों में जहां कई बार गर्मी में बढ़ता तापमान अपने पिछले सारे रिकार्ड तोड़ देता है, वहां मुर्गी पालकों को खास सावधानी बरतने की जरूरत होती है। तो अगर आप भी अपने मुर्गीपालन के व्यवसाय को गर्मी के प्रकोप से सुरक्षित रखना चाहते हैं तो निम्नलिखित कुछ उपाय अपनाकर आप ये काम आसानी से कर सकते हैं।

गर्मियों में मुर्गीपालन के दौरान बरतें ये सावधानियां

1- तापमान ऊपर जाने की स्थिति में मुर्गियों के पानी में खनिज तत्व मिला दें। इससे मुर्गियों को गर्मी से निपटने में मदद मिलेगी। आंगन में पाली जाने वाली मुर्गियों के लिए अगर संभव हो तो पानी का नल खुला छोड़ दें। इससे मुर्गियां अपनी कलगी गीली कर लेती हैं जिससे पूरे शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है। इसके अलावा गर्मियों में कमरे में निकास पंखा लगा कर हवा का सही संचरण रखें।

2- मुर्गियों के शेड में जरूरत से अधिक मुर्गियां रखना हानिकारक होता है। मुर्गियों के शेड में अधिक भीड़ होने से गर्मी बढ़ेगी और मुर्गियों में लू लगने का अंदेशा बढ़ेगा। मुर्गियों के लिए सही स्थान है कि ब्रॉयलर फार्म में एक वर्ग फीट स्थान प्रति चूजे के अनुसार स्थान दिया जाता है।

3- गर्मियों में पानी के बर्तनों की संख्या बढ़ा दें क्योंकि गर्मी के मौसम में मुर्गियां पानी के बर्तन के चारों ओर बैठ जाती है जिससे दूसरी मुर्गियों को पानी नही मिल पाता है। तेज गर्मी में अगर मुर्गियों को एक घंटे भी पानी न मिले तो लू लगने से उनकी मृत्यु हो सकती है।

पानी के बर्तनों की संख्या बढ़ाने के साथ ही यह भी ध्यान रखें कि धातु के बर्तन में पानी जल्दी गर्म हो जाता है और आमतौर पर मुर्गियां गर्म पानी नहीं पीती हैं। इसलिए अगर धातु के बर्तन में पानी रखा है तो थोड़ी-थोड़ी देर में उसमें ताजा पानी भरते रहें। अगर हो सके तो मिट्टी के बर्तन में पानी रखें।

4- मुर्गी के शेड की छत में गर्मी कम करने के लिए छत में घास आदि डाल दें और छत पर सफेदी करा दें। सफेद रंग ऊष्मा को कम सोखता है जिससे छत ठंडी रहती है। आधुनिक मुर्गी फार्म में गर्मी से बचाव के लिए स्प्रिंकलर या फॉगर प्रणाली भी लगी होती है जिससे पानी की फुहारें निकलती रहती है। स्प्रिंकलर के साथ पंखे भी जरूर लगे होने चाहिए और कमरे की खिड़की भी खुली होनी चाहिए जिससे कमरा हवादार और ठंडा रहेगा।

5- मुर्गियों को दिए जाने वाले दाने को गीला कर सकते हैं। गीला दाना ठंडा होगा जिसका मुर्गियां ज्यादा सेवन करेगी। परंतु ध्यान रखें कि गीला किया दाना शाम तक खत्म हो जाए वरना उसमें बदबू आ सकती है। दाने की बोरी को कभी भी गीला न करें।

6- अगर किसी मुर्गी में गर्मी लगने के लक्षण दिखाई दें तो उसे खनिज तत्व पानी में मिलाकर पिलायें और मुर्गी को उठा कर पानी में एक डुबकी देकर छांव में रख दें और स्वस्थ होने पर वापस बाड़े में डाल दें। यह प्रक्रिया तुरंत की जानी आवश्यक है। देर होने पर मुर्गी मर सकती है।

7- चूजों के फार्म पर पहुंचते ही एलेक्ट्रल एनर्जी वाला पानी पिलायें। चूज़ों को 5-6 घंटे तक यही पानी पीने को दें।

8- मुर्गियों को 1- 1.5 किलो होते ही बिक्री शुरू कर दें।

9- 750 ग्राम से ऊपर वाली मुर्गियों को सुबह 10 बजे से शाम के 5 बजे तक दाना न दें या फीडर को ऊपर उठा दें।

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