बिहार: बाढ़ से मछली पालकों या मछुआरों को हुआ नुकसान तो सरकार द्वारा दिया जाएगा मुआवजा

पटना, बिहार के पशुपालन व मत्स्य मंत्री मुकेश सहनी जी ने बताया कि मछली पालकों या मछुआरे को हर साल बाढ़ की वजह से नुकसान झेलना पड़ता है और ऐसे में तालाब की इंश्योरेंश होती तो आसानी से नुकसान की भरपाई की जा सकेगी। कोरोना संक्रमण की महामारी के बीच आने वाले मॉनसून और उसके बाद संभावित आने वाली बाढ़ को देखते हुए केंद्र सरकार के SOP के तहत बिहार सरकार मछली पालकों और मछुआरों को बड़ी राहत देने की तैयारी में है। यदि बाढ़ की वजह से किसी मछली पालक या मछुआरे को जाल, नाव या डोंगी का नुकसान होगा है तो उसे एक आपदा माना जाएगा और उसे निश्चित राशि बिहार सरकार के आपदा विभाग की ओर से प्रदान की जाएगी। इसकी जानकारी बिहार के पशुपालन व मत्स्य मंत्री मुकेश सहनी जी ने दी। उन्होंने बताया कि अगर कोई मछली पालक तालाब में मछली पालन कर रहा है और बाढ़ की वजह से अगर उसे नुकसान न हो इसलिए उसके तालाब का इंश्योरेंश कराया जाएगा ताकि उसे हुए नुकसान की भरपाई की जा सके।

तालाबों का किया जाएगा इंश्योरेंस

पशुपालन व मत्स्य मंत्री मुकेश सहनी जी ने बताया कि तालाब का इंश्योरेंश कराने के लिए कुछ कंपनियों से बातचीत की जा रही है और बहुत जल्द यह फाइनल कर लिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार की कोशिश है कि बाढ़ के हालात बनने से पहले ही तालाबों के इंश्योरेंश का कार्य पूरा हो जाए ताकि मछली पालन करने वाले लोगों को अगर बाढ़ की वजह से कोई भी नुकसान होता है तो उसकी भरपाई जल्दी की जा सके।

हर साल बिहार के कई जिले होते है बाढ़ से प्रभावित

उत्तर बिहार के कई जिले हर साल बाढ़ के कारण प्रभावित होते हैं और इन्हीं इलाकों में मछली पालन का काम भी सबसे ज्यादा किया जाता है। इसी के साथ यहां बड़ी संख्या में मछुआरे भी रहते है जो छोटे-छोटे नाव और डोंगी पर सवार होकर जाल की मदद से मछलियों की मारते हैं लेकिन कई बार बाढ़ के कारण उनकी नाव और जाल को नुकसान होता है और साथ ही बाढ़ की वजह से मछली पालन के लिए बनाए गए तालाबों को भी नुकसान होता है। इन सब परेशानियों को मद्देनज़र रखते हुए पशुपालन एवं मत्स्य विभाग ने इस कदम को उठाने की पूरी तैयारी कर ली है।

बिहार में पहली बार हुआ इस योजना पर अमल

दरअसल केंद्र सरकार ने इस योजना को वर्ष 2014 में लागू कर दिया था और इसका लाभ कई राज्य उठा भी रहे हैं लेकिन बिहार में इस योजना की शुरुआत पहली बार को जा रही है।

जानिए कितनी होगी नुकसान की भुगतान राशि

  • आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त नाव की मरम्मत के लिए 4100 रुपये का भुगतान किया जाएगा।
  • आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त जाल की मरम्मत के लिए 2100 रुपये का भुगतान किया जाएगा।
  • पूरी तरह से क्षतिग्रस्त नौकाओं के लिए  9600 रुपये का भुगतान किया जाएगा।
  • पूरी तरह से क्षतिग्रस्त जाल के लिए 2600 रुपये का भुगतान किया जाएगा।
  • क्षतिग्रस्त मत्स्य बीज फार्म के लिए इनपुट सब्सिडी 8200 रुपये प्रति हेक्टर का भुगतान किया जाएगा।
  • मछली फार्मों की मरम्मती के लिए 12000 रुपये प्रति हेक्टर का भुगतान किया जाएगा।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए कृपया मत्स्य विभाग जाकर आवेदन करें