चाहते हैं आपकी मुर्गियां दें ज्यादा अंडे, जान लीजिए मुर्गी फार्म में रोशनी का ये अहम फंडा

चाहते हैं आपकी मुर्गियां दें ज्यादा अंडे, जान लीजिए मुर्गी फार्म में रोशनी का ये अहम फंडा

अंडा उत्पादन के उद्देश्य से किए जाने वाले लेयर मुर्गी पालन के व्यवसाय में हर मुर्गी पालक की एक ही चाहत होती है कि उसकी मुर्गियां ज्यादा से ज्यादा अंडों का उत्पादन करें। यूं तो मुर्गियों की अंडा उत्पादन क्षमता कई कारकों मसलन अच्छी नस्ल, बेहतर आहार और अनुकूल वातावरण पर निर्भर करती है।

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मगर कई बार इन सारी चीजों पर ध्यान देने के बावजूद मुर्गियों से कम अंडा उत्पादन होने पर मुर्गी पालक इसका कारण नहीं समझ पाते हैं। तो अगर आप भी मुर्गियों से अधिक अंडा उत्पादन चाहते हैं तो आज हम आपको इसके लिए बेहद साधारण और सटीक उपाय बताने जा रहे हैं।

मुर्गी फार्म में रोशनी का उचित प्रबंधन मुर्गियों द्वारा अधिक अंडा उत्पादन में सहायक होता है। यदि मुर्गी फार्म में मुर्गियों को प्रतिदिन 16 घंटे रोशनी में रखा जाए तो मुर्गी से प्रतिदिन एक अंडे की प्राप्ति की जा सकती है।

जान लीजिए मुर्गी फार्म में रोशनी का अहम फंडा

एक सामान्‍य मुर्गी साल भर में 40-60 अंडे देती है परन्‍तु मुर्गी फार्म की मुर्गियां एक साल में 200 से 240 तक अंडे देती हैं और इस अंतर का प्रमुख कारण है मुर्गी का मिलने वाली रोशनी की अवधि। मुर्गी जब लगभग बीस सप्‍ताह (17-32 सप्‍ताह) की उम्र की होती है तब से वह अंडे डालने लगती है। उसके बाद अगर मुर्गी को रोज 16 घंटे प्रकाश में रखा जाए तो वह रोज एक अंडा देती है।

मुर्गी का सोलह घंटे से अधि‍क रोशनी में रखना एक दिलचस्‍प प्रक्रिया शुरू करता है। वयस्‍क मुर्गी की आंख के रेटिना पर गिरने वाला प्रकाश उसकी पीयूष ग्रन्थि (पिट्यूटरी ग्‍लेंड) को प्रेरित करता है। एक विशेष हार्मोन (जिसे ल्‍यूटिनाइजि़ंग हार्मोन कहा जाता है) स्रावित करने के लिए।

मुर्गी के अंडाशय में खूब सारे अपरिपक्‍व व परिपक्‍व अंडाणु मौजूद होते हैं। हर अंडाणु पर एक कोशिका की मोटाई के लगभग एक झिल्‍ली होती है और इस पूरे आकार को पुटक (फोलिकल) कहा जाता है। पीयूष ग्रन्थि से स्रावित हार्मोन जब अडाशय में पहुंचता है तब यह परिपक्‍व पुटक को प्रेरित करता है और डिमबोत्‍सर्जन यानी कि अंडाशय से अंडाणु के के अंडवाहिनी में जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।

सामान्‍य: दिनभर के प्रकाश पर निर्भर करती है यह हार्मोन स्रावित होने की प्रक्रिया, जिसकी वजह से रात में लगभग बारह बजे से लेकर सुबह आठ बजे तक हार्मोन स्रावित हो जाता है। उसके कुछ घंटे बाद दिन में ही अंडे के उत्‍सर्जन की प्रक्रिया होती हे। मगर अंडाशय से छूटने के बाद लगभग 24 घन्‍टे लगते हैं अंडाणु का प्रजनन छिद्र तक का अपना सफर तय करने में और इसलिए आमतौर पर मुर्गी दिन मे ही अंडा देती है।

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