कॉरपोरेट की नौकरी छोड़ मछली पालन कर रहे राणा ब्रदर्स

कॉरपोरेट की नौकरी छोड़ मछली पालन कर रहे राणा ब्रदर्स

ऊना जिला के पंजवार शहर में रहने वाले दो भाई अखिल राणा और अनिल राणा ने 9 साल पहले कॉरपोरेट सेक्टर से नौकरी छोड़ दी और मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया। इन दोनों भाइयों ने सरकारी योजनाओं की मदद से मछली पालन करना शुरू किया। आज ये दोनों मछली पालन करके अच्छा खासा मुनाफ़ा कमा लेते है। वर्ष 2013 में दोनों भाइयों ने मछली पालन शुरू करने के लिए सरकारी योजना नेशनल मिशन फॉर प्रोटीन सप्लीमेंट्स के तहत पंजवार शहर में मछली पालन के लिए तालाब का निर्माण करवाया था। राणा ब्रदर्स मछली पालन कर अच्छा मुनाफा कमाने के लिए बहुत उत्साहित थे और उन्होंने इस योजना की सहायता से 2 हेक्टेयर की भूमि में मछली पालन करना शुरू कर दिया। इसके बाद 2014 में जब सरकार ने नीली क्रांति योजना निकाली तो राणा ब्रदर्स ने इस योजना के तहत अपनी भूमि को 2 हेक्टेयर से बढ़ाकर 4 हेक्टेयर कर लिया। राणा ब्रदर्स ने बताया कि 4 हेक्टेयर की भूमि में अच्छा मुनाफा मिल जाता है और उनके तालाब में वे रोहू, कतला, मृगल, कॉमन कार्प और ग्रास कार्प का पालन करते है। राणा ब्रदर्स के तालाब 5 किलोग्राम की मछलियों का उत्पादन होता है। अनिल राणा ने बताया कि वे मछली पालन के व्यवसाय को सरकारी योजनाओं की मदद से ऊंचाइयों पर पहुंचना चाहते है। राणा ब्रदर्स ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत बायोफ़्लोक तकनीक से मछली पालन करने के लिए टैंक का निर्माण और मछलियों की बिक्री करने के लिए दुकान बनवाने के लिए भी आवेदन किया है। राणा ब्रदर्स प्रति वर्ष में लगभग 40 टन मछलियों का उत्पादन करते है। राणा ब्रदर्स प्रति हेक्टेयर में 10 हजार मछली के बीज डालते है जो 1 वर्ष की सीमा में 10 टन के हो जाते है। 4 हेक्टेयर के तालाब में राणा ब्रदर्स 40 हजार मछलियों के बीज डालते है जो 1 वर्ष की सीमा में 40 टन के हो जाते है। राणा ब्रदर्स को नेशनल फिशरीज डेवलपमेंट बोर्ड हैदराबाद के द्वारा 10 जुलाई, 2019 को बेस्ट इनलैंड फिश फार्मर ऑफ इंडिया का पुरस्कार भी दिया गया है। मछली पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें आप कम पूंजी निवेश करके अधिक मुनाफा कमा सकते है।

अगर आप भी कम पूंजी निवेश करके अधिक मुनाफा कमाना चाहते और सरकारी योजनाओं के तहत मछली पालन शुरू करना चाहते है तो एग्रीगेटर संघ से अभी जुड़े।