मछली पालन के लिए साइट का चयन कैसे करें

मछली पालन में तालाब का निर्माण करने के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण अच्छे स्थल का चयन करना होता है। स्थल का चयन करते समय छोटी सी गलती मछली के उत्पादन व निर्माण को प्रभावित कर सकती है।
मछली पालन के लिए स्थल का चयन करते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए:
- मछली पालन के स्थल के करीब अच्छी जल की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि स्थल बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में थोड़ा ऊँचाई पर हो।
- यदि मछली पालन के लिए तालाब दोमट मिट्टी (काली तथा रेतीली भूमि की मिट्टी) में बनाया जाए तो यह तालाब के पानी को अधिक समय तक स्थाई रखेगी। यदि मछली पालन के लिए तालाब रेतीली मिट्टी में बनाया जाए तो इसका पानी जल्दी सूख जाता है।
- अगर तालाब शोरे की भूमि पर हो तो इस प्रकार के तालाब का चुनाव न करें क्योंकि इस प्रकार की भूमि मछली पालन के लिए योग्य नहीं होती है।
- मछली पालन के तालाब में आवश्यकता के अनुसार पानी डालने का प्रबंध होना चाहिए क्योंकि मछलियों के लिए तालाब में एक उचित स्तर पर पानी का होना आवश्यक है। मछली पालन के लिए कम से कम 1.25 से 2 मीटर गहराई का पानी का होना आवश्यक होता है और तालाब में पानी का सबसे अच्छा साधन नहर व नलकूप है।
- मछली पालन के तालाब में निश्चित स्थानों पर प्रवेश व निकास द्वार की व्यवस्था होनी चाहिए। अगर प्रवेश की व्यवस्था नही होगी तो चारों ओर से वर्षा का पानी आपके तालाब में प्रवेश करेगा जो तालाब के बन्धों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसी प्रकार अगर निकास नहीं होगा तो हो सकता है कि अधिक वर्षा के कारण पानी तालाब के बंध टूट जाए।
- तालाब के प्रवेश व निकास द्वार पर लोहे की बारीक़ जाली लगी होनी चाहिए। यदि जाली नहीं होगी तो तालाब की मछलियाँ तालाब से पानी के साथ बाहर निकल जाएंगी और बारिश का पानी बाहर से कुछ हानिकारक व अवांछित मछलियाँ व अन्य जीव-जंतु भी तालाब में प्रवेश कर लेंगे।
- तालाब के चारों ओर मजबूत बंध बनाए, अगर आप ऐसा नही करेंगे तो पशु आदि तालाब में निश्चित स्थान से प्रवेश करेंगे और पानी का फैलाव होगा।
- तालाब में बहुत ज्यादा जलीय पौधे नहीं होने चाहिए, अगर तालाब में बहुत ज्यादा जलीय पौधे हो तो उन्हें निकाल दें क्योंकि यह तालाब में बड़ा हिस्सा घेर लेते है जिससे मछली को अपने नियमित जीवन में घूमने व फिरने की असुविधा होती है।
- तालाब का पानी हर समय बाढ़ के जैसा गंधला नहीं रहना चाहिए क्योंकि इस प्रकार के पानी में मछली के अच्छे उत्पादन की क्षमता बहुत ही कम हो जाती है।
- तालाब के किनारे छाया-दार वृक्ष लगाने चाहिए, किनारों पर वृक्ष लगाने निम्नलिखित लाभ है:
(1) वृक्ष गर्मियों में तालाब में पल रही मछलियों को छाया प्रदान करते है।
(2) वृक्ष वर्षा के पानी धीरे-धीरे छोड़ते हैं जिससे तालाब को हानि नहीं पहुँचती है।
(3) वृक्ष तालाब के पानी को भाप के रूप में परिवर्तित होने से रोकते है।