मुर्गी पालन करने की सोच रहे हैं तो इस तरह की मुर्गियों को पालें, बीमारी का खतरा होता है कम, बाजार में महंगे दामों पर है डिमांड

मुर्गी पालन करने की सोच रहे हैं तो इस तरह की मुर्गियों  को पालें, बीमारी का खतरा होता है कम, बाजार में महंगे दामों पर है डिमांड
demo image

अगर मुर्गी पालन व्यवसाय के इतिहास में जाएं तो पता चलता है कि यह व्यवसाय करीब 5000 वर्षों से चला आ रहा है। समय बदलने पर आज भी यह व्यवसाय कायम है। हालांकि तेजी से बदलते जमाने में अब इस व्यवसाय में लागत और मुनाफे का स्तर बढ़ता जा रहा है। वर्तमान समय में मुर्गी पालन करने वाले लोगों के सामने मुर्गियों समेत मुर्गी फार्म में फैलने वाली बीमारियों किसी चुनौती से कम नहीं हैं। ऐसे में आज हम आपको मुर्गी की एक ऐसी नस्ल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका पालन करने पर बीमारियों का खतरा कम रहता है, साथ ही बाजार में भी इस तरह की मुर्गियां की डिमांड हमेशा बनी रहती है।

https://efeedapp.page.link/L2B8ncmQiX2Vd6hY6

देसी मुर्गी मुर्गियों की एक ऐसी प्रजाति है जिसकी मांग हमेशा बनी रहती है और इन मुर्गियों में बीमारियां होने का खतरा भी कम रहता है।

demo image

जानिए देसी मुर्गी पालन के कुछ फायदे

  • देसी मुर्गा की मांस बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है।
  • इसकी बाजार में अन्य मांस की तुलना में सबसे अधिक डिमांड है।
  • ये बाजार में महंगे दाम पर बिकते हैं।
  • किसान इसे बैकयार्ड मुर्गी पालन के रूप में भी कर सकते हैं।
  • गरीब किसानों के कमाई का जरिया बन सकता है।
  • देसी मुर्गियों को कम लागत में पाल सकते हैं।
  • किसानों की आमदनी बढ़ाने का अतिरिक्त साधन बन सकता है।
demo image

एक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में मुर्गियों की संख्या तकरीबन 648 मिलियन से भी अधिक है। जिसमें हमारे सबसे अधिक 45% देसी मुर्गी पालन किया जाता है। आज लगातार बढ़ते महंगाई के दौर में जिस तरह से हर एक व्यापार में लोगों में प्रतिस्पर्धा है उस समय भी देसी मुर्गी पालन  व्यापार में मुर्गों का दाम नहीं घटता है।

https://efeedapp.page.link/3ZTzq5Dv9M2Qz6Hp7

देसी मुर्गियों में ही ऐसा गुण होता है जिनसे एक ही चूजे से मांस और अंडा दोनों मिलता है जोकि ज्यादा लाभदायक हो सकता है। देसी मुर्गे की मल-मूत्र से मिट्टी की क्षमता भी बढ़ती है।

बाजार में देसी मुर्गे के मांस 300 से 350 रु किलों मे बिकता है जबकि जब हम इनके अंडो कि बात करें तो वह प्रति 10 रुपये की हिसाब से बिकता जाता है। इसे हम छोटे स्तर पर भी शुरु कर सकते है।

मुर्गी पालन के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने और ई फीड से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल में अभी इंस्टॉल करें ई फीड का एप।

App link

👇👇👇👇

https://efeedapp.page.link/qL6j