पशुओं को भी होता है निमोनिया, खांसी, सर्दी जुकाम, इन देसी तरीकों से करें समाधान

जैसे इंसान के बीमार होने पर उसकी कार्यक्षमता पर प्रभाव पड़ता है ठीक वैसे ही पशु में भी बीमारियां होने पर उसकी दुग्ध उत्पादन क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। कुछ साधारण बीमारियां जैसे निमोनिया, खांसी, सर्दी, जुकाम के इलाज के लिए आमतौर पर हमारे पास अपनी दादी-नानी के कुछ देसी नुस्खें होते हैं। ठीक उसी तरह पशुओं में भी ये बीमारियां होने पर कुछ देसी तरीकों से इनका इलाज किया जा सकता है।

हालांकि पशु के बीमार होने पर उसे पशु चिकित्सक की सलाह से ही दवा देनी चाहिए लेकिन कई बार पशु चिकित्सक जल्दी उपलब्ध नहीं हो पाते हैं ऐसे में पशु पालक को इन बीमारियों के इलाज के लिए कुछ कारगर देसी नुस्खें पता होने पर समस्या का समाधान आसान हो जाता है।
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तो आज हम आपको पशुओं में होने वाली कुछ बीमारियां और उनके लिए देसी उपचार बताने जा रहे हैं।

निमोनिया/खांसी/सर्दी जुकाम
सबसे पहले पशु के ऊपर कपड़ा बांध दें फिर 250 ग्राम अडूसा के पत्ते, 100 ग्राम सौंठ, 20 ग्राम काली मिर्च, 50 ग्राम अजवायन लेकर सबको मिलाकर बारीक पीसकर 20 ग्राम पिसी हल्दी और 500 ग्राम गुड़ में अच्छी तरह से मिलाकर इनसे 6 लड्डू बना और दिन में तीन बार पशुओं को चटाने से जल्दी आराम मिल जाता है। नहीं तो 100 ग्राम सुहागा को फूल, 200 ग्राम पिसी मुलेठी को 500 ग्राम गुड़ में मिलाकर 6 लड्डू बना लें और दिन में तीन बार एक-एक लड्डू देने से आराम मिल जाता है। यह उपचार 4-5 दिनों तक करना चाहिए।

बुखार आना
अडुसा के 100 ग्राम पत्ते, नीम गिलोय 10 ग्राम, कुटकी 100 ग्राम और 50 ग्राम काली मिर्च को मिलाकर बारीक पिस लें और इसमें से 25 ग्राम सुबह व 25 ग्राम शाम को 1 लीटर पानी में उबाल कर इस पानी को पिलाने से बुखार उतर जाता है। इस उपाय को 1-2 दिनों तक करना चाहिए।

खून बहना
जिस जगह से खून बह रहा हो उस जगह पिसी फिटकरी लगाने से तुरंत खून बहना बंद हो जाता है, नहीं तो नाग केसर की जड़ों का लेप लगाने से भी खून बहना बंद हो जाता है।

घाव या फिर टूटे सींग का इलाज
झरबेरी (बेर) की जड़ों को अच्छी तरह से धोकर सुखा लें और फिर इसे अच्छी तरह से बारीक पीस लें और इसमें अर्जुन छाल का पाउडर बराबर मात्रा में मिलाकर रखें। जब कभी भी किसी की सींग टूट जाए या कोई घाव हो जाए तो उस पर इस पाउडर को लगाकर पट्टी बांधने से घाव भर जाता है।

मिट्टी खाना/दीवार चाटना
अगर पशु मिट्टी खा रहा है या फिर दीवार चाट रहा है तो उसको हर दिन 50 ग्राम नमक व खनिज लवण पाउडर 25 ग्राम रोजाना देना चाहिए।

पशुओं में जुएं पड़ना
खाने के तम्बाकु की एक पुड़िया को आधा किलो पानी में कुछ देर के लिए भिगो दें, फिर उसको उसी पानी में अच्छी तरह से मसल लें और उसमें दो चम्मच सरसों का तेल मिलाकर पशुओं के शरीर पर मालिश करें और अगर पानी कम हो तो और मिल लें। इसको लगाने के कुछ देर बाद पशु के शरीर को बोरी से रगड़कर साफ कर दें, सभी जुएं और चीचड़ खत्म हो जाएंगे।
तो इन कुछ बीमारियों के लिए आप ऊपर बताए गए देसी नुस्खे आजमा सकते हैं, मगर बीमारी की गंभीरता के अनुसार पशु विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार ही पशु का इलाज करें।
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