…ताकि दुधारू पशु खरीदकर ना हो आपको घाटा, इन पांच बातों का रखें ध्यान

जाहिर है कि पशुपालन शुरू करने का प्रथम चरण हैं, एक अच्छे पशु का चुनाव। अब ऐसे में बात अगर दुधारू पशुओं की आती है तो इन्हें खरीदने से पहले पशुपालक को इनके बार कुछ महत्वपूर्ण जानकारी जुटा लेनी चाहिए।
चूंकि दुधारू पशु खरीदने का उद्देश्य ही उनके द्वारा प्राप्त दूध को बेचकर मुनाफा कमाना होता है, ऐसे में अगर पशु खरीदते समय सावधानी ना बरती जाए तो उसकी दूध की उपलब्धता पर भी फर्क पड़ सकता है। आज हम आपको दुधारू पशुओं के बारे में 5 ऐसी जानकारियां देने जा रहे हैं जिन्हें अपनाने के बाद आपको एक उपयुक्त दुधारू का चुनाव करने में सहूलियत होगी।

जानिए दुधारू पशुओं के बारे में 5 जरूरी बातें
अगर गाय की बात करें तो तिकोने आकार की गाय दुधारू होती है। ऐसी गाय की पहचान के लिए उसके सामने खड़े हो जाएं। इससे गाय का अगला हिस्सा पतला और पिछला हिस्सा चौडा दिखाई देगा। शरीर की तुलना में गाय के पैर एवं मुंह, माथे के बाल छोटे होने चाहिए। दुधारू पशु की चमड़ी चिकनी, पतली होनी चाहिए। आंखे चमकीली स्पष्ट और दोष रहित होनी चाहिए।
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गाय और भैंस के पेट पर पाई जाने वाली दुग्ध शिराएं जितनी स्पष्ट, मोटी और उभरी हुईं होंगी पशु उतना ही अधिक दूध देने वाली होगा। दूध दोहन के उपरांत थन को पूरी तरह से सिकुड़ जाना चाहिए। चारों थनों का आकार एवं आपसी दूरी समान होनी चाहिए।

पशुपालक को पशुओं की प्रजनन क्षमता पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इस पर पशुओं का दूध उत्पादन निर्भर होता है। बता दें कि आदर्श दुधारू पशुओं के लिए हर साल में एक बच्चा अवश्य देना चाहिए। ऐसे में आपको पशुओं की प्रजनन क्षमता की जानकारी भी लेनी चाहिए। ध्यान दें कि पशु में किसी प्रकार की कमी न हो। अगर पशु की प्रजनन क्षमता सही न हो, तो कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
पशु की सही आयु का पता लगाने के लिए उसके दांतो को देखा जाता है। मुंह की निचली पंक्ति में स्थायी दांतो के चार जोड़े होते हैं। ये सभी जोड़े एक साथ नहीं निकलते हैं।
दांत का पहला जोड़ा पौने दो साल की उम्र में, चोथे साल के अन्त की उम्र में निकलता है। इस प्रकार से दांतो को देखकर नई और पुरानी गाय-भैंस की सटीक पहचान की जा सकती है। औसतन एक गाय – भैंस 15-20 वर्षो तक जीवित रहती है। गाय-भैंस की उत्पादकता उसकी उम्र के साथ-साथ घटती चली जाती है। दुधारू पशु अपने जीवन के यौवन और मध्यकाल में अच्छा दुग्ध उत्पादन करता है। इसलिए दुधारू पशु का चयन करते समय उसकी उम्र की सही जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है।

गाय-भैंस के सींग के छल्ले भी आयु का अनुमान लगाने में सहायक होते हैं। प्रथम छल्ला सींग की जड़ पर प्रायः तीन वर्ष की आयु में बनता है। इसके बाद प्रतिवर्ष एक-एक छल्ला और आता रहता है। सींग पर छल्ला की संख्या में दो जोड़ कर गाय भैंस की आयु का अनुमान लगाया जा सकता है।
परन्तु देखने में आया है कि कुछ लालची लोग अधिक रूपया कमाने के चक्कर में दुधारू पशु खरीदार को धोखा देने के लिए रेती से छल्लों को रगड़ देते है। इसलिए यह विधि विश्वनीय नहीं कही जा सकती है। दूध देने वाले दुधारू गाय-भैंस के दुग्ध उत्पादन की क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ता है। भैस की मुर्रा नस्ल आज भी अपने मुड़े सींगों के कारण ही पहचानी जाती है।
तो इस तरह दुधारू पशु खरीदने से पहले आप इन कुछ बातों का ध्यान रखें।
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