विटामिन A की कमी कहीं बन ना जाए आपकी मुर्गियों के लिए जानलेवा, समय रहते जान लें लक्षण और उपचार

विटामिन A की कमी कहीं बन ना जाए आपकी मुर्गियों के लिए जानलेवा, समय रहते जान लें लक्षण और उपचार

मुर्गी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसे सही तरह से करने पर कम लागत और कम समय में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। वहीं इस व्यवसाय में हल्की सी भी चूक व्यवसाई का सामने घाटे से भी करा सकती है। आमतौर पर मुर्गी पालक इस व्यवसाय के अंतर्गत मुर्गियों के रहने और उनके भोजन आदि का पूरा ध्यान रखते हैं। लेकिन कई बार देखा गया है कि पूरी सावधानी बरतने के बावजूद मुर्गी पालक को व्यवसाय में नुकसान का सामना करना पड़ता है।

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इसका प्रमुख कारण मुर्गियों के पोषण की तरफ ठीक से ध्यान ना देना होता है। उनके आहार के साथ उचित मात्रा विटामिन ना देने पर मुर्गियों में कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। ऐसे में अगर बात करें विटामिन ए की तो इसकी कमी से ना सिर्फ मुर्गियां बेहाल होती हैं बल्कि इसकी वजह से मुर्गी पालन के व्यवसाय में व्यवसाई को नुकसान भी उठाना पड़ता है। ऐसे में आज हम आपको मुर्गियों में विटामिन ए की कमी से दिखने वाले लक्षण और उनके उपचार के बारे में बताने जा रहे हैं।

जानिए मुर्गियों में विटामिन ए की कमी से होने वाले रोग

विटामिन 'ए' की कमी के कारण मुर्गियों को रतौंधी रोग हो जाता है। प्रभावित मुर्गियों को दिखायी नहीं पड़ता है। आंखों में माड़ा पड़ जाता है और आंखें सफेद हो जाती हैं। इस विटामिन की कमी के कारण मुर्गियां सर्दी तथा जुकाम से ग्रसित हो जाती हैं। आंख तथा नाक से पानी बहता रहता है तथा आंख एवं नाक में सूजन आने लगती है।

विटामिन ए की कमी से ग्रसित छोटी मुर्गियों को चक्कर आने लगते हैं तथा ये गिर पड़ती हैं। इससे ग्रसित मुर्गियों को भूख कम लगती है। प्रभावित मुर्गियों का शारीरिक विकास रुक जाता है। विटामिन ए की कमी से ग्रसित अंडे देने वाली मुर्गियों के अंडा उत्पादन में रोग के गिरावट आ जाती है। मुर्गियों के गुर्दा एवं मूत्र नलिकाओं में यूरिक एसिड जमा हो जाता है। विटामिन ए की अधिक कमी होने पर मुर्गियों की मृत्यु हो जाती है।

उपचार

  • विटामिन ए की कमी से प्रभावित मर्गियों को हरी साग-सब्जियां अधिक मात्रा में देनी चाहिए। साथ ही साथ मछली के तेल की 2-4 बूंद सुबह-शाम पिलाते रहना चाहिए।
  • विटामिन ए की कमी से ग्रसित मुर्गियों को विटामिन ए की 10 मि.ली. मात्रा, अंडे देने वाली मुर्गियों को 10 मि.ली. मात्रा तथा 2 मि.ली. मात्रा, चूजों को पीने के पानी के साथ 10 दिनों तक देनी चाहिए।

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