दवाओं और रसायनों का इस्तेमाल कर बढ़ा सकते हैं आप मछलियों का उत्पादन; भाग-1

दवाओं और रसायनों का इस्तेमाल कर बढ़ा सकते हैं आप मछलियों का उत्पादन; भाग-1

मछली पालने में बहुत फायदा होता है और इसी कारण ज्यादा से ज्यादा किसान इसे अपना रहे हैं। कई बार आप मछली पालन तो शुरू कर देते है मगर आपको बाजारों में मिलने वाली दवा और रसायनों के प्रयोग के बारे में जानकारी नहीं होती है। अगर तालाब में सही दवा और रसायनों का प्रयोग किया जाए तो मछली पालकों को भारी मुनाफ़ा हो सकता है। आज हम आपको दवा और रसायनों के उपयोग के बारे में जानकारी देंगे।

दवा और रसायनों की जानकारी और उनका प्रयोग कैसे करें:

🔵फिश ग्रोथ- यह एक ऐसा मिश्रण है जिसमे विटामिन, खनिज, मिनरल, ईस्ट, लिवर एक्सट्रेक्ट , फीड प्रोबायोटिक इलेक्ट्रोलाइट, स्पाइरुलिना जैसे पोषक तत्व मौजूद है। यह सभी तत्व मछली के भार को बढ़ाने के लिए बहुत आवश्यक है। इसे मछली को चारे में मिलाकर दे, इससे मछली की ग्रोथ तो होगी है साथ ही साथ मछलियों का स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा और उसकी पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी

🔘ऐसे करें उपयोग: इसे एक किलोग्राम प्रति टन की दर से चारे में मिलाकर प्रतिदिन देना चाहिए।

🔵ऑक्साइटैब या ऑक्सीमैक्स: बरसात के मौसम में तालाब के पानी में ऑक्सीजन दर घट जाता है। ऐसे में ऑक्साइटैब या ऑक्सीमैक्स दवा बहुत उपयोगी होती है। यह बहुत जल्दी अपना प्रभाव दिखाता है।                

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🔘ऐसे करें उपयोग: 500 ग्राम ऑक्साइटैब या ऑक्सीमैक्स को सूखी बालू में मिलाएं या फिर 250 ग्राम ऑक्साइटैब की गोलियां प्रति एकड़ की दर से तालाब में डालें।

🔵प्रोमेक्स: प्रोमैक्स लगभग सभी प्रकार के बैक्टीरिया, फंगस, वायरस, और प्रोटोजोआ जैसे रोगों के लिए इस्तेमाल की जाती है। यह दवा बेहद असरदार है और इसे मछली की पूंछ में सड़न या शरीर पर रुई जमने जैसे रोगों के उचार के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।                                      

🔘ऐसे करें उपयोग: एक लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से पानी में मिलाएं और फिर इसे तालाब के पानी मे छिड़के।

🔵फिश लिव: इस दवा में पोषक तत्व और अमीनो एसिड भरपूर मात्रा में होता है। इस दवा से मछली के शरीर मे प्रोटीन का उत्पादन बढ़ता है और मछली की जल्दी विकास भी करती है।    

🔘ऐसे करें उपयोग: एक किलोग्राम फिश लिव की मात्रा प्रति I00 किलोग्राम के चारे में मिलाकर मछलियों को दें।

🔵बायोरिच: यह पानी का शानदार प्रोबायोटिक है। यह प्रोबियोटिक पानी में मौजूद बैक्टीरिया और सभी सड़े हुए आर्गेनिक पदार्थों को खाद में परिवर्तित कर देता है और यह गैस को भी सोख लेता हैं और इसी के साथ यह मछली को उपयुक्त वातावरण भी प्रदान करता है।                                

🔘ऐसे करें उपयोग: I00 लीटर पानी में 3 किलो गुड के साथ बायोरिच घोलकर 12 घंटे के लिए रख दें और उसके बाद इसका तालाब में छिड़काव करें। इस प्रयोग के बाद तालाब में कम से कम 3 दिनों तक अन्य दवा या रसायनों का उपयोग न करें और न ही मछली की कटाई करें।

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