मछली के लिए प्राकृतिक और पूरक फ़ीड की सम्पूर्ण जानकारी

मछली के लिए प्राकृतिक और पूरक फ़ीड की सम्पूर्ण जानकारी

इस आर्टिकल में हम आपको मछली के फीड की सम्पूर्ण जानकारी देंगे, मछली की विभिन्न प्रजातियों को विभिन्न प्रकार का फीड दिया जाता है। कुछ मछली प्रजातियां पौधों पर आधारित फीड खाना पसंद करती है, कुछ पशु पर आधारित फीड खाना पसंद करती है और कुछ मछली प्रजातियां पौधे और जानवर दोनों पर है आधारित फीड खाना पसंद करती है। कुछ मछली प्रजातियां ऐसी भी होती है जो सिर्फ फाइटोप्लेनटों और जोप्लैंक्टोन को फीड करना पसंद करती है।

मछली के लिए फ़ीड के प्रकार:

मछली के फीड के 2 मुख्य प्रकार होते है:

1. प्राकृतिक फ़ीड

2. पूरक/कृत्रिम फ़ीड

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मछली के लिए प्राकृतिक फ़ीड:

तालाब में कई प्रकार के फ़ीड प्राकृतिक रूप से निर्मित हो जाते है, इसे प्राकृतिक फीड कहा जाता है। प्राकृतिक फीड का उत्पादन मिट्टी की गुणवत्ता और तालाब के पानी की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। आप तालाब में प्राकृतिक फीड के उत्पादन को बढ़ाने के लिए उर्वकों का प्रयोग कर सकते है। तालाब में मौजूद विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक फीड का वर्णन नीचे किया गया है।

प्लवक:

तालाब के पानी में छोटे-छोटे पौधे और जानवर जो प्राकृतिक रूप से उगते है, इन्हें प्लवक कहा जाता है। प्लवक के मुख्य रूप से 2 प्रकार होते है:

  1. पादपप्लवक (फाइटोप्लांकटन)
  2. प्राणिप्लवक (जोप्लैंक्टोन)

पादपप्लवक (फाइटोप्लांकटन):

पादपप्लवक (फाइटोप्लांकटन) एक प्रकार के ऑटोट्रॉफिक जीव होता है जो विभिन्न मछली प्रजातियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्राकृतिक फीड होता है। ज्यादातर पादपप्लवक (फाइटोप्लांकटन) आँखों से नही दिखते है क्योंकि यह बहुत सूक्ष्म होते है, लेकिन जब इनकी मात्रा पानी मे बढ़ जाती है तो यह पानी की सतह पर रंगीन पैच के रूप में दिखाई देने लगते है। पादपप्लवक (फाइटोप्लांकटन) मछली के लिए बहुत ही आदर्श प्राकृतिक फीड है।

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शैवाल (एलगी):

हरी शैवाल (ग्रीन एलगी) मछली की फीड के लिए बहुत ही लोकप्रिय है लेकिन हरी शैवाल की मात्रा जब बाद जाती है तो वह तालाब के पानी को प्रदूषित करने लगते है।

नीले हरे शैवाल (ब्लू-ग्रीन एलगी) यह सूक्ष्म होते और यह नदियों में, तालाबों में व झीलों में विकसित होते है। यह जीवित और मृत दोनों है प्रकार से यह बहुत महत्वपूर्ण मछली का फीड होता है। नीले-हरे शैवाल कई बार पानी पर नहीं दिखाई देते है मगर इनकी आबादी काफी तेजी से बढ़ती है जिससे यह ब्लूम का रूप ले लेता है, ब्लूम मछली के लिए हानिकारक हो सकता है क्योंकि यह सूर्य की रोशनी को तालाब के अंदर प्रवेश करने से रोकेगा और यह पानी मे ऑक्सिजन की मात्रा को भी कम करता है।

प्राणिप्लवक (जोप्लैंक्टोन):

प्राणिप्लवक (जोप्लैंक्टोन) एक प्रकार के हेटेरोट्रॉफिक जीव होते है। मछलियों के लिए यह बहुत ही अच्छा फीड है। अधिकतर प्राणिप्लवक (जोप्लैंक्टोन) का शरीर सूक्ष्म होता है लेकिन कुछ प्राणिप्लवकों का शरीर बड़ा भी हो सकता है जो आंखों से साफ दिखाई देता है। यह अधिकतर मिठे पानी में पाए जाते है।  यह फिंगर्लिंग्स के लिए बहुत है श्रेष्ट फीड है।  मछली के प्राकृतिक फीड के अच्छे उत्पादन के लिए आप तालाब में जैविक व अजैविक उर्वरकों का उपयोग कर सकते है। जैविक उर्वरक जैसे कि गोबर, खाद, चुना आदि और अजैविक उर्वरक जैसे की अमोनियम सल्फेट, यूरिया आदि का उपयोग कर सकते है।

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मछली के लिए पूरक/कृत्रिम फीड:

यदि आप अधिक मात्रा में मछली पालन करते है और आप मछलियों को सिर्फ प्राकृतिक फीड देते है तो यह आपकी मछलियों सम्पूर्ण पोषण नहीं देगा, मछलियों के अच्छे उत्पादन के लिए आपको इन्हें पूरक/कृत्रिम फीड देना होगा। पूरक फीड में अमीनो एसिड की मात्रा उचित होनी चाहिए, उच्च गुणवत्ता वाली पूरक फीड में लगभग 10 प्रकार के अमीनो एसिड होने चाहिए, पूरक/कृत्रिम फीड में कम से कम 35% प्रोटीन होना चाहिए, मछली की पूरक/कृत्रिम फीड में 10.5% कार्बोहाइड्रेट भी होना चाहिए। कार्बोहाइड्रेट मछलियों को ऊर्जा प्रदान करता है। पूरक/कृत्रिम फीड में 4-8% वसा भी आवश्यक होता है। मछली के लिए संतुलित फीड का निर्माण करने के फीड में विटामिन जैसे विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन डी और विटामिन ई का भी उपयोग करें। आप चावल की भूसी, राइस ब्रान, सोयाबीन, गेहूं की भूसी, आदि का उपयोग करके भी मछली के लिए पूरक/कृत्रिम फीड तैयार कर सकते हैं। यदि आप मछली का तेजी से विकास चाहते है तो मछली को पूरक/कृत्रिम फीड जरूर दें।

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