यूपी में मिल रहा है मछली पालन को बढ़ावा

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई 'नीली क्रांति योजना’ ने बहुत अच्छे परिणाम देने शुरू कर दिए हैं। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान लगभग 6.9 लाख मीट्रिक टन मछलियों का  उत्पादन दर्ज किया गया था। सरकारी अधिकारी ने बताया की  पिछले साल उत्तर प्रदेश में मछली पालन योजनाओं और मछली उत्पादन के सफल संचालन के कारण राज्य को सर्वश्रेष्ठ उत्तरी राज्य के रूप में चुना गया है।

युवा दिखा रहे हैं मछली पालन में दिलचस्पी

बाराबंकी जिले के मछली पालन की आधुनिक तकनीक रिसर्कुलेटिंग एक्वाकल्चर सिस्टम (RAS) को पुरे देश भर में लागू किया गया था। RAS तकनीक मछलियों को निरंतर और नियंत्रित वातावरण प्रदान करती है। RAS तकनीक से कार्प, तिलापिया और अन्य मछली प्रजातियों का इष्टतम और पूरी तरह से प्रबंधकीय उत्पादन किया जा सकता है। सरकारी अधिकारी ने बताया की "उत्तर प्रदेश के युवा इस योजना में बहुत दिलचस्पी दिखा रहे हैं और वहां के युवाओं ने 'ब्लू रिवॉल्यूशन' का हिस्सा बनने के लिए अपने नाम दर्ज करवाए हैं। उन्होंने यह भी बताया की “मछली पालन से केवल रोजगार के अवसर ही पैदा नहीं होंगे, बल्कि इससे बेहतर संसाधन प्रबंधन और कम अपशिष्ट उत्पन्न होंगे।"

नीली क्रांति योजना को दिया जा रहा है बढ़ावा

नीली क्रांति योजना के तहत, योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने क्षेत्र की क्षमता और मछली के पौष्टिक गुणों को ध्यान में रखते हुए मछलियों के उत्पादन को भी बढ़ावा दिया है। योगी सरकार ने इस व्यवसाय से जुड़े मछुआरा समुदायों को भी सुरक्षा प्रदान करने का फैसला लिया है।

मछली पालन करने के लिए पट्टे पर दी जाएगी भूमि

अंतर्देशीय मछलियों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने फैसला लिया है कि “10 वर्षों के लिए ग्राम पंचायतों के स्वामित्व वाले तालाब जो की लगभग 3000 हेक्टेयर के क्षेत्र के है, वह लोगों को मछली पालन के लिए पट्टे पर दी जाएगी।

मछली बीज वितरण के लिए 300 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान

योगी सरकार ने मत्स्य बीज उत्पादन व मत्स्य बीज वितरण के लिए 300 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान प्रस्तावित किया है। मत्स्य विभाग के अधिकारी ने बताया की “मत्स्य क्षेत्र में नवीनतम तकनीक को पेश करने के लिए, केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना की भी शुरुआत की थी, जिसके लिए केंद्र सरकार ने बजट में 243 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था और इस राशि से मछुआरा समुदायों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान की जाएगी।” सरकार ने निर्णय किया है की वित्तीय वर्ष 2021-2022 में 2 लाख मछुआरों को मुफ्त बीमा के साथ कवर किया जाएगा।