तकनीक से बदल दें अपनी तकदीर, जानिए खेती और पशु पालन से जुड़े 5 सॉलिड एप्स के बारे में

तकनीक से बदल दें अपनी तकदीर, जानिए खेती और पशु पालन से जुड़े 5 सॉलिड एप्स के बारे में

तेजी से बदलती दुनिया में तकनीक ने लगभग हर काम को आसान करने में लोगों की मदद की है। डिजिटल होती दुनिया में लगभग सब कुछ सिमटकर बस एक मोबाइल में आ गया है। ऐसे में बात करें अगर खेतीबाड़ी और पशु पालन की तो ये दोनों व्यवसाय एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। जहां एक तरफ किसान अपनी फसल को लेकर चिंतित रहते हैं।

वहीं दूसरी तरफ पशु पालक पशुओं में होने वाली बीमारियों और दूध उत्पादन को लेकर परेशान रहते हैं। हमेशा उन्हें सही समय पर सही सलाह और समस्या का समाधान बताने के लिए विशेषज्ञ मौजूद नहीं रहते हैं। किसानों की इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए कुछ एप्स का निर्माण किया गया। इन मोबाइल एप्स पर किसान बस एक क्लिक कर अपनी समस्याओं का समाधान आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। तो आइए जान लेते हैं खेतीबाड़ी और पशु पालन को आसान बनाने वाले इन 5 उपयोगी एप्स के बारे में।

1- ई फीड एप

पशु पालन, मछली पालन और मुर्गी पालन की राह में आ रही समस्याओं को दूर करने में ई फीड एप बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस एप के जरिये किसान अपने पशुओं के लिए संतुलित पोषक पशु आहार घर बैठे बनाना सीख सकते हैं। इसके अलावा इस एप पर मछली और मुर्गियों के लिए भी उचित फीड बनाने की जानकारी बेहद आसान भाषा में दी गई है। एप पर मौजूद टोल फ्री नंबर पर कॉल कर किसान अपने पशुओं में आने वाली समस्याओंं का त्वरित निशुल्क समाधान पशु विशेषज्ञों से प्राप्त कर सकते हैं।

इस एप पर अलग-अलग पशुओं में होने वाली विभिन्न बीमारियों को ध्यान में रखते हुए उचित दवाएं भी मौजूद हैं, जिन्हें किसान घर बैठे मंगवा सकते हैं। बदलते समय के साथ किसानों की जरूरत के अनुसार इस एप में होने वाले बदलाव इसे बाकी एप्स से बेहतर बनाते हैं। इस एप को बेहद आसानी से गूगल प्लेस्टोर पर जाकर ई फीड सर्च कर आप डाउनलोड कर सकते हैं। ये एप हिंदी, अंग्रेजी , मराठी, गुजराती समेत लगभग देश की सभी भाषाओं में मौजूद है। इस एप के लिए यूजर्स को किसी भी तरह का कोई भी पैसा नहीं देना पड़ता है।

2-  IVRI-Veterinary Clinical Care App

ये एप आपको प्ले स्टोर में में मिल जाएगा। यह फिलहाल दो भाषाओं हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध है। इस एप में मवेशियों को होने वाले थनैला, अफारा/रूमिनल टिम्पेनी, ट्रोमेटिक रेटिकुलो पैरिटोनाइटिस, कीटोसिस/ऐसीटोनीमिया, दुग्ध ज्वर, रूमिनल इम्पैक्शन, बछ़डों को होने वाले अतिसार या दस्त, मादा रोग संबंधित स्थितियां, शल्य चिकित्सा संबंधी समस्याओं के लक्षण और उनके उपचार के बारे में पूरी जानकारी दी गई है। इस एप के माध्यम से रोगों की पहचान कर उनका प्राथमिक इलाज किया जा सकता है।

3- ई गोपाला एप

  • इस एप के माध्यम से आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति विकल्प पर आप अपने पशुओं के रोग और उनके उपचार के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
  • मेरा पशु आधार ऑप्शन में किसान अपने सभी पुराने और नए पशुओं की जानकारी देख सकते हैं।
  • अलर्ट ऑप्शन में किसानों को अपने पशुओं के टीकाकरण की तारीखों के बारे में जानकारी मिलती रहेगी।
  • आयोजन देखें ऑप्शन में किसान नजदीक के टीकाकरण कैंप या ट्रेनिंग प्रोग्राम के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
  • पशु बाजार ऑप्शन में किसानों कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों और अच्छी नस्ल वाले पशुओं के वीर्य की बिक्री की जानकारी मिलती है।

4- एग्री मीडिया वीडियो एप

यह एक वीडियो एप है, इसकी मदद से किसान अपनी कीट प्रभावित फसल की फोटो लेकर एप पर अपलोड कर सकते हैं और कृषि विशेषज्ञों से उसकी रोकथाम के लिए सलाह ले सकते हैं। इस तरह किसान घर बैठे फसलों को कीट और रोग से बचा सकते हैं। बता दें कि यह एक वीडियो एप है,  जिस पर किसान दूसरी फसल के वीडियो भी देख सकते हैं। इसके अलावा खेती की नई तकनीक की जानकारी भी ले सकते हैं।

5- इफको किसान एप

इस मोबाइल एप के जरिए किसान अपनी फसल समेत अन्य कृषि संबंधी जानकारी ले सकते हैं। इस एप द्वारा कृषि विशेषज्ञों से फसलों के दाम, मौसम की जानकारी, मिट्टी की जांच और खेती के जुड़ी कोई भी सलाह ले सकते हैं। यह एक एंड्राइड एप है, जोकि करीब 10  भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है।

पशु पालन, मछली पालन और मुर्गी पालन के व्यवसाय में अधिक मुनाफा कमाने के लिए अभी डाउनलोड करें ई फीड एप।

App link

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https://efeedapp.page.link/qL6j

पशु पालन, मछली पालन और मुर्गी पालन से संबंधित समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए आप ई फीड के टोल फ्री नंबर 18002707065 पर कॉल कर सकते हैं।