जानलेवा गर्मी से मुर्गियों को बचाने के लिए मुर्गी फार्म में करें ये बदलाव, आहार प्रबंधन का भी यूं रखें ध्यान

जानलेवा गर्मी से मुर्गियों को बचाने के लिए मुर्गी फार्म में करें ये बदलाव, आहार प्रबंधन का भी यूं रखें ध्यान

मुर्गी पालन का व्यवसाय कर कई लोग अच्छा खासा मुनाफा कमाते हैं। वहीं दूसरी तरफ कई लोगों को इस व्यवसाय में नुकसान का भी सामना करना पड़ता है, जिस वजह से कभी-कभी तो उन्हें यह व्यवसाय बंद भी करना पड़ जाता है। चूंकि भारत एक ऐसा देश है जहां लगभग हर 3-4 महीनों में मौसम बदल जाता है। ऐसे में हर मौसम के अनुरूप मुर्गियों का ख्याल अलग-अलग तरीकों से रखे जाने की जानकारी मुर्गी पालक को होनी चाहिए। चूंकि अभी गर्मियों का मौसम चल रहा है ऐसे में इस मौसम में मुर्गी पालन के व्यवसाय में खास सावधानी बरतनी चाहिए।

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गर्मियों के मौसम में पोल्ट्री फार्म में कुछ बदलाव कर आप मुर्गियों को राहत प्रदान कर सकते हैं। इसके अलावा उनके आहार प्रबंधन में कुछ बदलाव कर आप इस तपती गर्मी में मुर्गियों को सुरक्षित रख सकते हैं। तो आइए जान लेते हैं कि गर्मी के मौसम में पोल्ट्री फार्म किस स्थिति में होना चाहिए और मुर्गियों के खान-पान का ध्यान कैसे रखना चाहिए।

जानिए गर्मियों में कैसा हो मुर्गी फार्म

गर्मी के मौसम में मुर्गी फार्म पूर्व-पश्चिम दिशा में होना चाहिए, इससे हवा का संचालन ठीक रहता हैl ठंडक  के लिए निकास पंखे, छत पंखा, फॉगर्स आदि का उपयोग किया जा सकता है। जहां तक हो सके एक जगह पर पक्षियों का जमावड़ा नहीं होना चाहिए।

पक्षियों के लिए ज़रूरत से अधिक जगह होनी चाहिएl छत पर दिन में 3-4 बार पानी छिड़कने से शेड का तापमान 5°से 10°F तक  कम हो जाता है। छत पर तिनकों/घास-फूस के उपयोग से तापावरोधन बनाना चाहिए या चूने की एक अच्छी मोटी परत के साथ छत की पुताई कर देनी चाहिए।

गर्मियों में इस तरह करें मुर्गियों का आहार प्रबंधन

इस मौसम में पक्षियों को सुबह और शाम के समय में खिलाया जाना चाहिए। भर पेट भोजन किए हुए पक्षियों की तुलना में भूखे पक्षियों का मेटाबोलिक ताप उत्पादन 20-70% कम  होता है, साथ ही थर्मोजेनिक प्रभाव 35 डिग्री सेल्सियस पर लगभग 10 घंटे तक रहता है, और 20 डिग्री सेल्सियस पर केवल 2 घंटे के लिए होता हैl इसलिए दोपहर में भोजन नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि पाचन के ताप से शरीर का तापमान बढ़ाता है।

पाचन से उत्पन्न गर्मी को कम करने के लिए कार्बोहाइड्रेट के साथ-साथ सिंथेटिक अमीनो एसिड (0.5% से प्रोटीन कम करें) की तुलना में वसा के उपयोग बढ़ा देना चाहिए। भोजन में एंटीऑक्सिडेंट्स जैसे विटामिन ई (250 मिलीग्राम/किग्रा फीड) और विटामिन सी (400 मिलीग्राम/किग्रा) को  शामिल करने से गर्मी  के दौरान बढ़ा मृत्यु दर कम होती है। गर्मियों के मौसम में ताजा और ठंडा पानी पक्षी के लिए लगातार उपलब्ध रहना  चाहिए।

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