मुर्गियों में कैल्शियम की कमी कम कर देगी आपका मुनाफा, जान लीजिए होने वाली बीमारियां और उपचार

मुर्गियों में कैल्शियम की कमी कम कर देगी आपका मुनाफा, जान लीजिए होने वाली बीमारियां और उपचार

मुर्गी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जोकि अगर सही तरीके से पूरी जानकारी के साथ किया जाए तो कम लागत में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। वहीं थोड़ी सी भी लापरवाही बरतने पर व्यवसाई को इसमें भारी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

मुर्गी फार्म में ई कोलाई और सीआरडी की समस्या के निदान हेतु नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर आज ही मंगाएं ब्रो एक्सपर्ट

https://efeedapp.page.link/L2B8ncmQiX2Vd6hY6

ऐसे में मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू करने से पहले आपको इससे जुड़ी सभी अहम जानकारियां जुटा लेनी चाहिए। मुर्गी पालन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों में से एक है उन्हें संपूर्ण पोषक तत्वों की प्राप्ति होना। आपकी इस समस्या के निदान के लिए आज हम आपको मुर्गियों में कैल्शियम की कमी से होने वाले रोग और उनके उपचार के बारे में बताने जा रहे हैं।

जानिए मुर्गियों में कैल्शियम की कमी से हो सकती है कौन-कौन सी गंभीर बीमारियां

1- मुर्गियों द्वारा अंडों को फोड़ना

2- कच्चे अंडों का निकलना

3- मुर्गियों में टेढ़ी टांगें या पेरोसिस रोग होना

4- मुर्गियों द्वारा पंखों को नोंचना

अब एक-एक करके इन बीमारियों के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।

1- मुर्गियों द्वारा अंडों को फोड़ना

मुर्गियों में पाया जाने वाला यह एक महत्वपूर्ण दोष होता है। इसमें मुर्गियां या तो अपने अंडों को अथवा दूसरी मुर्गियों के अंडों को तोड़ती रहती हैं। कैल्शियम की कमी होने पर मुर्गियां इस प्रकार के दोष से ग्रसित होती हैं।

उपचार

इससे प्रभावित मुर्गियों को कैल्शियम की आधी से एक टेबलेट सुबह-शाम देनी चाहिए। मुर्गियों की इस बुरी आदत को छुड़ाने के  लिए प्लास्टिक या चीनी मिट्टी से बने अंडे को मुर्गियों के सामने रखना चाहिए और चोंच मारने पर चोट लगने के कारण मुर्गियां इस आदत को धीरे-धीरे छोड़ देंगी।

2- कच्चे अंडों का निकलना

कैल्शियम की कमी से प्रभावित मुर्गियां पिलपिले एवं मुलायम अंडे देने लगती हैं। अंडों का छिलका पतला एवं लचीला हो जाता है और उनका कोई मूल्य नहीं मिलता है। इसके कारण मुर्गीपालक को आर्थिक हानि का सामना करना पड़ता है।

उपचार

प्रभावित मुर्गियों को कैल्शियम की 1/2-1 टिकिया दिन में दो बार देनी चाहिए। चिकित्सक की सलाह से उपयुक्त इलाज कराएं।

3- मुर्गियों में टेढ़ी टांगें या पेरोसिस रोग होना

यह मुर्गियों में विटामिन बी-12 या मैंगनीज की कमी से होने वाली बीमारी होती है। यह रोग मुख्य रूप से तीन से चार महीने की उम्र की मुर्गियों में होता है। रोग से प्रभावित मुर्गियों की टांगें टेढ़ी हो जाती हैं, जिसके कारण वे लंगड़ाने लगती हैं। पैरों में सूजन आ जाती है तथा चलने में दर्द होता है।

उपचार

प्रभावित मुर्गियों में विटामिन की कमी पूरी करें। चिकित्सक की देखरेख में इलाज कराएं।

4- मुर्गियों द्वारा पंखों को नोंचना

यह मुर्गियों में होने वाली एक बुरी आदत है। इससे ग्रसित मुर्गियां कभी-कभी दूसरी मुर्गियों के पंखों को, घुटने को, गुदा को तथा अन्य दूसरे भागों को नोंचने का काम करती हैं, जिसके कारण मुर्गियां घायल हो जाती हैं। इससे ग्रसित मुर्गियां साथ रहने वाली अन्य दूसरी मुर्गियों को इससे प्रभावित कर देती हैं।

कारण

इसका प्रमुख कारण प्रबंधन में अव्यवस्था है। यह मुख्य रूप से मुर्गियों की अधिक संख्या होने और खाने एवं पानी पीने के लिए बर्तनों की उचित व्यवस्था न होने पर होती है। मुर्गियों को उचित राशन नहीं मिलने तथा पोषक तत्वों की कमी होने या प्रकाश की उचित व्यवस्था न होने पर मुर्गियों में यह बुरी आदत आ जाती है।

उपचार

सबसे पहले प्रभावित मुर्गियों को अलग रखना चाहिए तथा नमक खिलाना चाहिए। प्रभावित मुर्गियों को सोडियम क्लोराइड की आधी टिकिया सुबह-शाम देने से यह आदत छूट जाती है। मुर्गियों के राशन में नमक की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए। प्रभावित मुर्गियों की चोंच को काटकर थोड़ा मोटा कर देना चाहिए। मुर्गियों को इससे बचाए रखने के लिए उचित पोषण एवं प्रबंधन आवश्यक है।

मुर्गी पालन के व्यवसाय में अधिक लाभ कमाने के लिए अपने मोबाइल में अभी इंस्टॉल करें ई फीड एप।

App link

👇👇👇👇

https://efeedapp.page.link/qL6j

मुर्गियों में होने वाली बीमारियों के त्वरित निदान के लिए आप हमारे एक्सपर्ट से जुड़ सकते हैं। अभी कॉल करें ई फीड के टोल फ्री नंबर 18002707065 पर।